14, अधिकारिणमाशास्ते

अधिकारिणमाशास्ते फलसिद्धिर्विशेषतः।

उपाया देशकालाद्याः सन्त्यस्मिन्सहकारिणः।। १४

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अधिकारिणं आशास्ते फलसिद्धिः विशेषतः। 

उपायाः देश काल आद्या सन्ति अस्मिन् सहकारिणः।। 

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अधिकारी (पात्र -अनुबन्ध चतुष्टय के अनुसार -तैत्तिरीय उपनिषद् : शीक्षा वल्ली) को शिक्षा दी जाती है कि फलसिद्धि उसकी पात्रता से होती है, जबकि देश, काल इत्यादि भी इसमें सहयोग करते हैं। 

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In this endeavor (of knowing Brahman / Self), the qualified aspirant is welcome, but the place and times as such are of secondary importance, and are also helpful to a great extent.

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