116, अज्ञानमालस्य
अज्ञानमालस्यजडत्वनिद्रा-
प्रमादमूढत्वमुखास्तमोगुणाः।
एतैः प्रयुक्तो नहि वेत्ति किंचि-
न्निद्रालुवत्स्तम्भवदेव तिष्ठति।।११६
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अज्ञानम् आलस्य जडत्व निद्रा
प्रमाद मूढत्व-मुखाः तमोगुणाः।
एतैः प्रयुक्तः नहि वेत्ति किञ्चित्
निद्रालुवत् स्तम्भवत् एव तिष्ठति ।।
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अज्ञान, आलस्य, जडत्व, निद्रा, प्रमाद आदि मूढता के सभी रूप तमोगुण के प्रकार हैं। इनसे मोहित बुद्धियुक्त कुछ नहीं जानता, निद्रालु जैसा काठ के लट्ठे जैसा ही पड़ा रहता है।
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Ignorance, laziness, dullness, sleep, inattention, stupidity, etc. are attributes of inertia.
One whose mind is possessed by these, remains like a log of wood (lives the life in vain).
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